Titanic mystery in hindi

 Titanic ship– 

Titanic ship एक ऐसा जहाज जिसको कभी न डूबने वाला जहाज कहते थे  यह जहाज कभी डूब ही नही सकता तो ऐसा क्या हुआ जो की यह जहाज अपनी पहली ही सफर मैं डूब गया 

titanic ship images

Titanic ship image
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Titanic ship अपने जमाने की सबसे बड़ा सबसे लक्जरी जहाज था इस जहाज मैं वो सारी सुविधा थे जो इस जहाज को एकदम खास बनाता है इस जहाज के पहले सफर के लिए इसमें उस जमाने के सबसे अमीर लोग बिजनेसमैन  कलाकार ने इस जहाज के पहले सफर के लिए आए थे इस जहाज का पहले सफर का रास्ता था Southampton, इंग्लैंड से New York अमेरिका । लोगो मैं बड़ी खुशी थी इस जहाज को लेकर क्योंकि  यह जहाज था ही उस जमाने का सबसे बड़ा और सुविधाजनक, और आरामदायक सुविधाओ से युक्त इस जहाज मैं पहले सफर पर जो लोग निकले थे वह अपने आप को बहुत ही खुशनसीब मान रहे थे क्योंकि इस जहाज मैं आने की इच्छा उस समय मैं हर एक इंसान की थी 




टाइटैनिक फीचर– titanic features 

जब टाइटैनिक बनकर तैयार हुआ तब यह दुनिया की सबसे बड़ी चलने वाली कोई चीज थी।यह 882 फीट लंबा यानि फुटबाॅल के 3 मैदान जितना लंबा और 17 मंजिले की बिल्डिंग जितना ऊँचा था।इसका वजन भी 52,310 टन था।जहाज में रोज 800 टन कोयले की खपत होती थी। इसके अलावा टाइटैनिक में लगी हॉर्न की आवाज को 11 मील की दूरी तक सुना जा सकता था।


Titanic ship की लंबाई 269 मीटर ,और ऊंचाई 53 मीटर थी यह सबसे बड़ा जहाज था उस समय मैं इस जहाज को बनाने का खर्चा आया था लगभग 50से 60 करोड़ के लगभग जिसे अगर आप आज के जमाने से तुलना करोगे तो यह नबर लगभग 31200000000 लगभग इतना आता है। इस जहाज के अंदर की सुविधाएं इतनी अच्छी थी की यह किसे five star 🌟 होटल को भी पीछे छोड़ सकती है इसमें stained glaas की खिड़कियां ornate wood paneling , दो बहुत बड़े ग्रैंड stair , एक गर्म पानी का स्विमिंग पूल , जिम ,squash court, 4 रेस्तरां,2 बेवर शॉप, लाइब्रेरी जैसी बहुत सारी सुविधाएं थी ।इस इस जहाज को बनाने मैं जिन सुरक्षा उपकरणों का इस्तेमाल किया था वह उस जमाने मैं इतने बेहतरीन थे की इस जहाज को यह नाम दिया गया कभी न डूबने वाला जहाज। 



Titanic के डूबने की कहानी–

12 अप्रैल 1912 को जब अपने पहले सफर मैं जब यह जहाज निकला था तो इस जहाज को बड़े बड़े बर्फ के टुकड़े जो समुद्र मैं तेरते रहते है इनको लेकर चेतावनी मिल जाती है यह चेतावनी जहाजों को अपने आस पास जाने वाले जहाजों से मिलते रहती है ऐसे ही टाइटैनिक को भी चेतावनी मिली थी की समुद्र मैं आगे बर्फ के बड़े बड़े टुकड़े मोजूद है ध्यान से चलना इन खतरा को देखते हुए टाइटैनिक अपने जहाज को दिशा को दो बार बदलती है लेकिन जहाज की  गति को कम नहीं करती अगले दो दिन बाद 14 अप्रैल 1912 तक टाइटैनिक को बहुत से चेतावनी मिलते है  लेकिन टाइटैनिक के कप्तान जहाज की रफ्तार को कम नहीं करते  अब धीरे धीरे रात होती जाती है तापमान नीचे गिरता रहता है बाहर बहुत ठंडी हवाएं चल रही होती है और इस रात को चांद भी नही आया तो इंसान की जो देखने की क्षमता होती है वह बहुत ही कम हो जाती है। इस जहाज पर आगे की और एक खंबे के थोड़ा बीच मैं एक जगह बनाई गई थी जहां पे किसी इंसान को खड़ा किया जाता है ताकि जहाज के सामने से जो भी आ रहा है वहां से उस पर नजर रखी जा सके ।t इस जगह पर जिस इंसान की ड्यूटी लगाई जाती है उसको बहुत ही ठंड का सामना करना पड़ता है बाहर बहुत ठंडी बर्फीली हवाएं चल रही थी जिससे इस जगह पर खड़े इंसान को आंखे खोलने मैं तक दिक्कत होती थी। उस रात को यहां पर fredrick fleet नाम के आदमी की ड्यूटी थी वह लगभग रात को 11 बजकर 39 मिनट पर अपने सामने एक बर्फ का पहाड़ देखता है वह जल्दी से घंटी बजाता है और अपने ऑफिसर को बताता है की जहाज के सामने एक बर्फ का पहाड़ आ गया है जल्दी से जहाज को मोड़ो और स्पीड कम कर दो ऑफिसर जल्दी से इंजन रूम मैं सूचना देते है और आदेश देते है की  जहाज को जल्दी से बाए और मोड़ो  लेकिन तब तक बहुत देर हो जाती है और जहाज कुछ ही सेकंड बाद उस बर्फ के पहाड़ से टकरा जाता है बर्फ के पहाड़ का आकार लगभग एक फुटबाल मैदान जितना बड़ा था और इसकी ऊंचाई लगभग टाइटैनिक से थोड़ा ही कम थी वैज्ञानिक मानते है की इस जहाज का वजन लगभग 1.5 मिलियन टन था इस बर्फ के पहाड़ की टक्कर जहाज के अगले दाहिने हिस्से मैं होती है करीब 10 से 15 सेकंड तक यह जहाज बर्फ के पहाड़ के साथ रगड़ता चला गया इस  रगड़ के कारण जहाज मैं छोटे छोटे छेद हो गए ।टक्कर  के तुरंत बाद ही जहाज के कप्तान जांच करते है की टक्कर से कितना नुकसान हुआ तो उन्हे पता चलता है की जहाज तो डूब सकता है वह यह देखकर दंग रह गए क्योंकि वह इस जहाज को कभी न डूबने वाला मानते है 



टकराव के 20 मिनट बाद कप्तान और अपने cru member ko और जहाजों  को सिग्नल देने के लिए कहते है ताकि कोई आस पास का जहाज आ सके लेकिन दुर्भाग्य वश कोई जहाज आस पास नहीं था । फिर कप्तान ऑर्डर देते है की जहाज मैं यात्रियों को लाइफ boat se सुरक्षित निकाला जाए लेकिन लोगो को यकीन नही हो रहा था यह जहाज आखिर कैसे डूब सकता है लोग लाइफ boat मैं नहीं बैठ रहे थे क्योंकि  वह मान रहे थे की यह कभी न डूबने वाला जहाज है इस कारण उन्होंने जब पहली life boat ⛵ पानी मैं उतारी वह आधी से ज्यादा खाली थी। लेकिन बाद मै जब जहाज धीरे धीरे डूबने लगा तो लोगो को यकीन हुआ की यह जहाज सच मैं डूब रहा है उसके बाद लोगो मैं हड़बड़ी मैच गई लाइफ बोट मैं बैठने के लिए जहाज मैं सिर्फ 20 लाइफ बोट ही  मोजूद थी जिस पर 1200 लोग तक आ सकते थे लेकिन जहाज पर 2200 लोग सवार थे  लगभग रात को 2 बजे जब आखरी बोट से लोगो को पानी मैं उतारा गया तो इसके बाद भी जहाज मैं लगभग 1500 लोग मोजूद थे और रात को लगभग 2: 15 पे यह जहाज दो  टुकड़ों मैं टूट गया और फिर धीरे धीरे पूरा जहाज समुंदर मैं समा गया लगभग तीन घंटे लगे इस जहाज को डूबने मैं जो 1500 लोग जहाज पर ही थे वो पानी मैं डूब गए जिनको तैरना आता था वह भी हाइपोथर्मिया की  वजह से मर गए क्योंकि पानी का तापमान 0 डिग्री लगभग था इस तापमान पर अगर कोई इंसान पानी मैं गिरता है तो उसकी मोत कुछ ही देर बाद हो जाती है।



इस जहाज को 70 साल बाद पानी मैं ढूंढा गया।  यह समुद्र मैं 3800 मीटर की गहराई मैं मोजूद है इस जहाज के दो अलग अलग टुकड़े मिले जो एक दूसरे से 600 मीटर की दूरी पर थे लेकिन आज के दिन इस जहाज को डूबे हुए 100 सालो से अधिक का समय हो गया यह जहाज समुद्र के नीचे वैसा नही है यह बहुत ही कम बचा हुआ है  इस जहाज को बैक्टीरिया और अलग अलग कीड़े इसके मेटल को धीरे धीरे खा रहे है और अनुमान लगाया गया है की यह टाइटैनिक शिप साल 2030 तक पूरे तरह से गायब हो जायेगी इस जहाज को डूबे हुए लगभग 110 साल हो गए है लेकिन लोग आज भी Titanic के बारे मै जानने के लिए काफी उत्सुक रहते है।



अगर आपके मन मैं mystery of Titanic, Titanic jahaj kaise dooba, के रिलेटेड कोई सवाल है तो कमेंट मैं बताए।


धन्यवाद।।

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